Karnataka Hookah Ban: कल बुधवार को कर्नाटक शहर के स्वास्थ्य विभाग ने एक आधुनिक सूचना जारी की हैं। साथ ही कर्नाटक के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री दिनेश गुंडू राव ने तंबाकू से संबंधित सारी बीमारियों से निपटने के लिए राज्य भर में हुक्का और तंबाकू को पूरा ही बैन लगाने की घोषणा की हैं। इस सूचना के मुताबिक हुक्का और उससे संबंधित सारी सामग्री की बिक्री के साथ उसके विज्ञापन और प्रचार पर भी रोक लगा दी गई है। वैसे इस प्रतिबंध को पिछले ही साल कोरमंगला के एक हुक्का बार पर आग लगने की घटना के कारण पृष्ठभूमि में भी लगाया गया है। जो की आग और सुरक्षा के नियमों का पालन नहीं किया गया था।
आपको बता दें की WHO के आंकड़ों के मुताबिक कर्नाटक में लगभग 22.8% एडल्ट तंबाकू का इस्तमाल करते हैं। जिसमे से 8.8% स्मोकिंग करने वालो में से हैं। साथ ही साथ कुछ ऐसे रिपोर्ट भी हैं जो की बहुत चौंकाने वाला खुलासा दिया गया हैं कि 23.9% एडल्ट जगहों पर सेकेंड-हैंड धूम्रपान के संपर्क में आते हैं। इस हुक्के की वजह से पिछले कुछ 4 सालो में लगभग 100 से ज्यादा मामले निकल चुकी हैं। इस Karnataka Hookah Ban से जुड़ी सारी जानकारी जानने के लिए इसे पूरा अंत तक पढ़े –
Karnaktaka के सरकार ने हुक्का को क्यों बैन किया?
हाल ही में कर्नाटक सरकार ने कहा हैं कि तंबाकू से संबंधित सारी बीमारियों से निपटने के साथ ही साथ बैन का उद्देश्य राज्य में इलीगल हुक्का बारों पर नकेल कसना है और खासकर की उन हुक्का बारों पर, जो की स्कूलों और अन्य एकेडमिक जगहों के पास खुला हुआ हैं। वैसे खबरों के अनुसार हुक्का को आमतौर पर बंद ही स्थानों में उपयोग किया जाता है। जिसकी वजह से यह मुंह के माध्यम से लिया जाता है और कई लोगों द्वारा इसे साझा किया जाता है। वैसे अब इसे होटल, रिस्ट्रूएंट, पब, बार, लाउंज, कैफे, क्लब और अन्य प्रतिष्ठानों में हुक्का के उपयोग और बिक्री पर तुरंत प्रभाव से पूरा ही बैन लगा दिया गया है।
इसके साथ राज्य स्वास्थ्य विभाग ने इस बारे में भी बताया है की हुक्का एक ऐसा परिणाम है जिसका सेवन करते ही एक सीलबंद कंटेनर में नोजल या पाइप डिवाइस के माध्यम से मुंह के रूप से किया जाता है। साथ ही बोला जाता है कि हुक्का के सेवन से संक्रामक रोग जैसे हर्पीस, तपेदिक, हेपेटाइटिस, कोविड-19 और मुंह के माध्यम से अन्य सारी बीमारियां द्वारा फैलती हैं।
कर्नाटक सरकार ने हुक्का से जुड़ी बीमारियो को लेकर क्या क्या बोला है?
इस हुक्का बैन को लेकर कर्नाटक सरकार ने बयान मे कहा है कि, “तंबाकू आधारित शीशा और ‘हर्बल’ शीशा जहरीले एजेंटों से भरे धुएं का उत्सर्जन करता हैं, जिसके कारण कैंसर, हृदय रोग और फेफड़ों जैसे अन्य बीमारियो का खतरा और भी ज्यादा बढ़ जाता है।”
साथ ही इसमें ये भी कहा गया है की, “तंबाकू का आर्थिक बोझ भी उतना ही चिंताजनक है, कर्नाटक में 35-69 वर्ष के आयु के सभी व्यक्तियों में तंबाकू से संबंधित बहुत से बीमारियों के कारण 2011 में 983 करोड़ रुपये की लागत आ चुकी थी।”
बताया जा रहा की सरकार ने अपने राज्य भर में एमआरआई और सीटी स्कैन को मुफ्त करने की योजना बना रही है। जिसके साथ वह लीनियर ऑसिलेटर के साथ और भी ऑन्कोलॉजी के देखभाल कैंसर रोगियों को प्रवेश से लेकर पूर्ण इलाज तक का सहायता करने वाली हैं।
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